Skip to main content

Posts

Showing posts from January, 2022

कितने पाकीज़ा थे हम इब्तिदा-ए-इश्क़ में.....

  कितने पाकीज़ा थे हम इब्तिदा-ए-इश्क़ में पुरकार क्यों हो तुम पुरकार क्यों हूँ मैैं...... ~©अनुज सुब्रत