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Showing posts from August, 2021

रोज़-ए-निकाह मियाँ जाँ मेरी दुल्हन किसकी बनी....

रोज़ - ए - निकाह मियाँ जाँ मेरी दुल्हन किसकी बनी तमाशा कुछ नहीं हुआ तमाशा मेरी ज़िंदगी बनी   वह तड़प रही थी मेरे उन तमाम यादों के कैद में उसकी जुदाई मियाँ मेरे लिए क्या कोई ख़ुशी बनी   फिर कोई ज़ुलेख़ा को फिर कोई युसूफ़ न मिला जाँ से आह निकलती है फिर यह कहानी अधूरी बनी   उसकी हँसी उसकी माशूक़ाना अदा उसका बाँकपन चाँद की रोशनी उसके रुख़ पे पड़ी तो चाँदनी बनी   मुझे फ़क़त मुसलमान मत कहो मियाँ मैंने पढ़ा है गंगा जब जह्नु के कान से निकली तो जाह्नवी बनी   मियाँ जी बताते है ‘सुब्रत’ ख़ुश थी वह वलीमे में समझाए तुमको ऐ दिल वो न मेरी थी न मेरी बनी...... ~©अनुज सुब्रत रोज़-ए-निकाह मियाँ जाँ मेरी दुल्हन किसी बनी....Written by Anuj Subrat ( Author of "Teri gali mein" ) Follow me on Instagram https://instagram.com/anuj_subrat Read my Book Teri gali mein Teri gali me / तेरी गली में: कविता संग्रह https://www.amazon.in/dp/1647834457/ref=cm_sw_r_wa_apa_i_RSLuFbTF0C9XQ Thank you

दर्द सीने में है कितना तुमको दिखाए कैसे....

  दर्द सीने में है कितना तुमको दिखाए कैसे तुम से जो कुछ है हम तुमको बताए कैसे   अश्क मेरे इन आँखों में उतर आए है गिराए तो गिराए कैसे छुपाए तो छुपाए कैसे   तेरी तस्वीर आज फिर मेरे हाथों में है बिन तेरी इजाज़त के सीने से लगाए कैसे   उसको पता नहीं है मगर हम उलझे से है वह मुझको अपनाए कैसे हम भुलाए कैसे    उसकी यादों ने हमको बहुत रुलाया है ‘सुब्रत’  ख़्याल ये है कि वह रोये तो हम हँसाए कैसे.... ~©अनुज सुब्रत दर्द सीने में है कितना तुमको दिखाए कैसे....Written by Anuj Subrat ( Author of "Teri gali mein" ) Follow me on Instagram https://instagram.com/anuj_subrat Read my Book Teri gali mein Teri gali me / तेरी गली में: कविता संग्रह https://www.amazon.in/dp/1647834457/ref=cm_sw_r_wa_apa_i_RSLuFbTF0C9XQ Thank you