Skip to main content

Posts

Showing posts from September, 2020

शाम गुजर जाए कोई उलझन में.....

पिया जब देखूँ खुद को दर्पण में शाम गुजर जाए कोई उलझन में मैं महक उठूँ, कोई गुल बन के मैं पाऊँ पिया जब तेरी उतरन में वक़्त ठहर से जाए है काहे जो डूबी जोगन पिया के नयनन में मनवा जाने काहे मचलत जाए भई प्रीत पिया की हमरे दर्पण में पिया जी की दीवानी हुई मैं पिया जी की खुशबू मेरे तन-मन में हर गाम पर टूटा दिल है ‘सुब्रत’ हुँ पिया मैं इश्क़ में या अड़चन में…. ~ अनुज सुब्रत शाम गुजर जाए कोई उलझन में........Written by Anuj Subrat ( Author of " Teri gali mein " ) गाम :- कदम Follow me on Instagram https://instagram.com/anuj_subrat Read my Book Teri gali mein Teri gali me / तेरी गली में: कविता संग्रह https://www.amazon.in/dp/1647834457/ref=cm_sw_r_wa_apa_i_RSLuFbTF0C9XQ Thank you

मक़ाम-ए-दिल न मिला तो हम क्या करेंगे....

मक़ाम-ए-दिल न मिला तो हम क्या करेंगे तेरी तस्वीर से ही हम दिल बहलाया करेंगे उल्फ़त के अफ़साने हज़ार होंगे इस ख़ुदाई में हज़ारों में हम सिर्फ तेरा हाँ तेरा ही चर्चा करेंगे हर इक अल्फ़ाज़ को हम यूं तुझपे मोड़ देंगे जो न मुड़ सके हम कल से उनसे तौबा करेंगे कि हर इक साल बाद-ए-बहारी आयेगी तब हम गुलशन में जा गुल से मिला करेंगे चर्चा हुआ कहीं अगर दिल के ज़र्ब का सुब्रत तेरे अल्ताफ़ को हम ख़ुदा का बताया करेंगे इशरत-ओ-दिल का ताल्लुक़ नही अब तो क्या दिल-ए-नादान तेरे लिए हम फिर से वैसा करेंगे ~अनुज सुब्रत मक़ाम-ए-दिल न मिला तो हम क्या करेंगे....... Written by Anuj Subrat ( Author of "Teri gali mein ") बाद-ए-बहारी :- बसंत की हवा अल्ताफ़ :- मेहरबानियाँ ज़र्ब :- ज़ख्म इशरत :- मौज-मस्ती ख़ुदाई :- ईश्वर की बनाई दुनिया गुल :- फूल गुलशन :- बागवान Follow me on Instagram https://instagram.com/anuj_subrat Read my Book Teri gali mein Teri gali me / तेरी गली में: कविता संग्रह https://www.amazon.in/dp/1647834457/ref=cm_sw_r_wa_apa_i_RSLuFbTF0C9XQ Thank you #baad_e_bahaari #makaam_e_dil #ishrat #altaf #zarb #khudaai #ta

इश्क़ में टूटे दिल अब सँभलने लगे है....

इश्क़ में टूटे दिल अब सँभलने लगे है हम तन्हा ही घर से निकलने लगे है देख कर काली घटाओं को हम  खुद के ही बाजुओं में मचलने लगे है  देखते है हर वक़्त,  हर रात आईना आईना तेरे लिए ही हम सँवरने लगे है…. ~©अनुज सुब्रत   कुछ गज़ल अधूरी ही अच्छी लगती  है..... Written by Anuj Subrat (Author of "Teri gali mein") Follow me on Instagram https://instagram.com/anuj_subrat Read my Book Teri gali mein Teri gali me / तेरी गली में: कविता संग्रह https://www.amazon.in/dp/1647834457/ref=cm_sw_r_wa_apa_i_RSLuFbTF0C9XQ Thank you #ishq_me_tute_dil_ab_sambhalne_lge_hai #anuj_subrat #sambhalna #tuta_dil #tanhai #tanha #teri_gali_mein   

दर्द की महफ़िल में मुझको दर्द दो यारों....

ये जानाँ कौन है इश्क़ अब खुद से हुआ है यारों उसकी गलियाँ उसके चौराहें को बता दो यारों बज़्म  और  तन्हाई  साथ  आई  है कमबख़्त  उस  बेवफ़ा  को  बता  दो  यारों हिज़्र  और  वस्ल  ने  मारा  है  मुझको हम  में दम  नही, दुश्मनों को  बता  दो यारों क्या  कहा ,  वह  बेवफ़ा  नही ये  भी  बेवफ़ा  है, दिल  को  बता दो  यारों शगूफ़ा  और  लतीफ़ा, मेरे  कोई  काम का नही दर्द  की  महफ़िल  में मुझको  दर्द  दो  यारों  मय  से  दिल्लगी, अब  मैं भी  मयकशी जाम  दो  मुझको, मयकदों को  बता  दो  यारों आँखों में तलाश, पर पता मालूम नही उसको 'सुब्रत' कोई  तो  उसको  मेरा पता  बता  दो  यारों.... ~@अनुज सुब्रत Written by Anuj Subrat ( Author of "Teri gali mein") Follow me on Instagram https://instagram.com/anuj_subrat Read my Book Teri gali mein Teri gali me / तेरी गली में: कविता संग्रह https://www.amazon.in/dp/1647834457/ref=cm_sw_r_wa_apa_i_RSLuFbTF0C9XQ Thank you  

ज़रा किस्मत का तमाशा तो देखिये.....

ज़रा किस्मत का तमाशा तो देखिये किसी का महल, किसी की आशा तो देखिये होगा क्या मालूम अगर तो मज़ा कैसा जरा इस तरफ मुझको बेतहाशा तो देखिये उसको बहुत वहम-ओ-गुमाँ था खुद पर जरा किस्मत का पलटता पासा तो देखिये लोग क्या कहते है जिंदगी के बारे में अपनी नज़र से इसकी परिभाषा तो देखिये  मन नही रखेगा बैर किसी के लिए “सुब्रत” ज़रा बुरे इंसाँ को भी अच्छा खासा तो देखिये…. ~©अनुज सुब्रत Written by Anuj Subrat ( Author of "Teri gali mein") Follow me on Instagram https://instagram.com/anuj_subrat Read my Book Teri gali mein Teri gali me / तेरी गली में: कविता संग्रह https://www.amazon.in/dp/1647834457/ref=cm_sw_r_wa_apa_i_RSLuFbTF0C9XQ Thank you

यादें

आज शाम जब मुझे भूख लगी तो अपनी माँ के पास गया और माँ की साड़ी का पल्लू पकड़ कर , खींचते हुए उससे शिकायती लहजे में कहा कि, “ माँ तुम कहाँ थी, मैं तुम्हें बड़े देर से ढूंढ रहा था.....तुम्हें मालूम भी है, फिर मैं चेहरे पर गुस्सा रखते हुए तिरछी नज़रों से ऊपर की ओर उसे देखता हूँ, तो वह बड़े प्यार से अपने घुटनों पर बैठ जाती है और मुझसे पूछती है...... क्या हुआ मेरे राजा बेटा को , भूख लगी है क्या....?? तो मैं झटपट से सर हाँ में हिला देता हूँ....  फिर वह पूछती है, “क्या खाओगे बेटा”, तो मैं भी फलां-फलां पकवानों की फरमाइशें कर देता हूँ और वह हर चीज़ से बेखबर , मदहोश हो कर मुझे सुनती रहती है..... लगता है जैसे मेरे शिकायती लहजे और तिरछी नज़रों ने उस पर कोई जादू-सा कर दिया हो। लगता है जैसे वह अपनी बदनसिबियों और ज़िन्दगी की उलझनों से आज़ाद हो गयी, सिर्फ मुझमें ही मग्न हो। और, उसे देखो तो लगता है कि मानो उसने मुझे अपने हमसायों, अपनी परेशानियों से बहुत दूर रखा हो..... और मैं भी इन सब से बेखबर था। मैंने कभी भी उसको परेशानियों में नही देखा, वह जब भी मेरे पास आती या जब भी मैं उसके पास जाता, हर वक़्त उसके चेहरे पर ह

इश्क़ अब मैं पूरी नही लिखूँगा

क्या लिखूँगा क्या नही लिखूँगा ग़ज़लों में मैं उसको नही लिखूँगा अधूरी है तो अधूरी ही सही इश्क़ अब मैं पूरी नही लिखूँगा जिस तरह वह मेरी नही, उसी तरह तुम्हारी भी नही लिखूँगा इक गुमशुदगी है नसीब में मेरे मैं मौजूदगी तुम्हारी भी नही लिखूँगा अगर मेरा फसाना नही जहां में मैं दास्ताँ तुम्हारी भी नही लिखूँगा मामला किसी का भी हो ‘सुब्रत' ऐ-दिल मैं तुम्हारी भी नही लिखूँगा.... ~©अनुज सुब्रत Written by Anuj Subrat ( Author of "Teri gali mein") Follow me on Instagram https://instagram.com/anuj_subrat Read my Book Teri gali mein Teri gali me / तेरी गली में: कविता संग्रह https://www.amazon.in/dp/1647834457/ref=cm_sw_r_wa_apa_i_RSLuFbTF0C9XQ Thank you