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Showing posts from March, 2021

मन क्यूँ मेरा बाँवरा लगे.....

यादों का शजर हरा लगे मन क्यूँ मेरा बाँवरा लगे   हश्र की रात में मुझको ज़न्नत सा कोई सहरा लगे   शराब सी तेरी आँखें लगे चाशनी सा तेरा लहज़ा लगे   दुआ में तू कोई दुआ लगे नूरानी सा तेरा चेहरा लगे   दो दिल मिले आहिस्ता से फिर दिल पे कितना पहरा लगे   दो पल में सदियों सा लगे इश्क़ ‘सुब्रत’ कितना गहरा लगे ….. ~©अनुज सुब्रत मन क्यूँ मेरा बाँवरा लगे...... Written by Anuj Subrat ( Author of "Teri gali mein" ) Follow me on Instagram https://instagram.com/anuj_subrat Read my Book Teri gali mein Teri gali me / तेरी गली में: कविता संग्रह https://www.amazon.in/dp/1647834457/ref=cm_sw_r_wa_apa_i_RSLuFbTF0C9XQ Thank you Hope you'll loved it

क्या है मोहब्बत....

तुम जो न मुझको बतलाओगी क्या है मोहब्बत तब मुझको कैसे होगा मालूम फ़लाँ है मोहब्बत   फ़लाँ ने कही है फ़लाँ से सुनी हैं इक बात मैंने दर्द को रूह तक लाने वाला रहनुमा है मोहब्बत   उसके अरमानों के महल बिखर गए ज़मीन पर महलों को गिराने वाला इक जलजला है मोहब्बत   जो कर के हम तड़प गए हम बिखर गए यारों ढूँढे तो मालूम हुआ यही कोई मसला है मोहब्बत   जान-ए-जाँ से ‘सुब्रत’ हम पूछें क्या पूछें कैसे इक बात हो मालूम तो बतलाओ क्या है मोहब्बत ~©अनुज सुब्रत क्या है मोहब्बत...... Written by Anuj Subrat ( Author of "Teri gali mein" ) Follow me on Instagram https://instagram.com/anuj_subrat Read my Book Teri gali mein Teri gali me / तेरी गली में: कविता संग्रह https://www.amazon.in/dp/1647834457/ref=cm_sw_r_wa_apa_i_RSLuFbTF0C9XQ Thank you Hope you'll loved it

मेरे महबूब की जुदाई.....

  मेरे महबूब की जुदाई छीन ले न मुझसे ये ख़ुदाई   मैं हुआ जो तन्हा और तन्हा होती जा रही है मिरि ये तन्हाई   आशिक़ों के दिल को छलनी करती जा रही है ये बेवफ़ाई   चाँदनी में है टहलता वह बदल रहा है इश्क़ में ये हरज़ाई   दिल से है दिल तक का इक रिश्ता जिस रिश्ते से है मिरि ये रुसवाई   नाहक़ में हुआ हूँ बेगाना मैं ‘सुब्रत’ सामने सबकुछ पर नही देती दिखाई..... ~©अनुज सुब्रत मेरे महबूब की जुदाई...... Written by Anuj Subrat ( Author of "Teri gali mein" ) Follow me on Instagram https://instagram.com/anuj_subrat Read my Book Teri gali mein Teri gali me / तेरी गली में: कविता संग्रह https://www.amazon.in/dp/1647834457/ref=cm_sw_r_wa_apa_i_RSLuFbTF0C9XQ Thank you Hope you'll loved it

तुमने वादा किया था बादा-ओ-जाम का....

  तुमने वादा किया था बादा - ओ - जाम का कह कर गई थी तुम आज शाम का   शहर - ओ - गाँव में है चर्चा तेरे हुस्न का दिल लूटा है तेरी अदा ने तमाम का   मसला ये नही है ज़िंदगी कैसे गुज़रेगी मसला तो है दर्द - ए - ज़िंदगी से आराम का   इतनी भी मत पिला मय उसको साक़ी कहीं काफ़िर न हो जाए पुजारी राम का   मंदिर - मस्जिद से अच्छा मयखाना ‘सुब्रत’ दम तोड़े काफ़िर यहीं भक्त भी श्याम का..... ~©अनुज सुब्रत   तुमने वादा किया था बादा-ओ-जाम का....... Written by Anuj Subrat ( Author of "Teri gali mein" ) Follow me on Instagram https://instagram.com/anuj_subrat Read my Book Teri gali mein Teri gali me / तेरी गली में: कविता संग्रह https://www.amazon.in/dp/1647834457/ref=cm_sw_r_wa_apa_i_RSLuFbTF0C9XQ Thank you Hope you'll loved it