फिर दुनिया मोहब्बत का एक फ़साना देखेगी
एक ख़ातून चिलमन से कोई दीवाना देखेगी
गया है महबूब के कूचे में एक दिलबर
फिर दुनिया कोई जोगी मस्ताना देखेगी
घुँघरू दम तोड़ देंगे लहू से सर-ब-सर होंगे
वफ़ा फिर से एक ज़ालिम ज़माना देखेगी
मोहब्बत जान लेगी दिलों को थाम लेगी
आशिक़ की इंतहा फिर एक जानाँ देखेगी
टूटे दिल का अज़ाब खुदा पे नाज़िल होगा
ज़ाहिद की नजरें ‘सुब्रत’ मयखाना देखेगी.....
~अनुज सुब्रत
फिर दुनिया मोहब्बत का एक फ़साना देखेगी......Written by Anuj Subrat ( Author of "Teri gali mein" )
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ReplyDeleteThank you🤗🤗
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