रे से तेरा नाम लिखूँगा
नून से उसको सजाऊँगा
ऐन से इश्क़ लिखूँगा
दाल से दीवाना कहलाऊँगा
सीन से सड़क पे आऊँगा
गाफ़ से गली में जाऊँगा
ते से तुझको पुकारूँगा
चे से चुप हो जाऊँगा
ख़े से ख़्वाब में आऊँगा
पे से पाजेब पहनाऊँगा
लाम से तुझको पूरा करूँगा
मैं ‘सुब्रत’ शायर हो जाऊँगा.....
~©अनुज सुब्रत
रे से तेरा नाम लिखूँगा.....Written by Anuj Subrat ( Author of "Teri gali mein" )
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